हमारे बारे में
हमारे बारे में पृष्ठभूमि हमारे बारे में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग अण्डमान तथा निकोबार द्वीपसमूह में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए अण्डमान तथा निकोबार प्रशासन का नोडल विभाग है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा द्वीपवासियों, विशेषकर स्कूली बच्चों के बीच वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित किया जा रहा है और द्वीपों की बेहतरी के लिए विभिन्न लाइन विभागों में तकनीकी हस्तक्षेप कार्यक्रम शुरू करने के लिए मुख्य भूमि के अनुसंधान संस्थानों के साथ समन्वयन के साथ कार्य कर रहा है। इसके अलावा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन अण्डमान तथा निकोबार प्रदूषण नियंत्रण समिति और अण्डमान तथा निकोबार विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी परिषद कार्यरत हैं। अण्डमान तथा निकोबार द्वीपसमूह में प्रदूषण नियंत्रण उपायों की निगरानी और क्रियान्वयन की जिम्मेदारी अण्डमान तथा निकोबार प्रदूषण नियंत्रण समिति की है और यह समिति प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित करता है। अण्डमान तथा निकोबार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वीपवासियों के बीच वैज्ञानिक जिज्ञासा को बढ़ावा देने और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने पर काम करती है। इस विभाग द्वारा तीन योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग वैज्ञानिक तथा तकनीकी क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक, सुविधाप्रदाता और सक्षमकर्ता के रूप में कार्य कर रहा है। इस विभाग का उद्देश्य विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं के लिए योजना तैयार करना और समन्वय स्थापित करना है, जिनका इन द्वीपों के सामाजिक-आर्थिक विकास पर विशेष प्रभाव पड़ता है। स्कीमों का उद्देश्य निम्नलिखित है:-
- द्वीपों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना और तकनीकी विकास को प्रोत्साहित करना।
- विशेष रूप से बच्चों और सामान्यया जनता के बीच वैज्ञानिक जागरूकता एवं दृष्टिकोण उत्पन्न करने के लिए वैज्ञानिक शिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
- संगोष्ठियों एवं कार्यशालाओं को आयोजित एवं प्रायोजित करना।
- पत्रिकाओं, पुस्तकों, मोनोग्राफ आदि को प्रकाशित एवं प्रायोजित करना।
- छोटे उद्यमों में क्षमता निर्माण, मानव संसाधन विकास तथा प्रौद्योगिकी का उन्नयन करना।
- इस संध राज्यक्षेत्र के लिए आवश्यक अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं की पहचान करना और उसे तैयार करना।
- इन द्वीपों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करना।
प्रदूषण नियंत्रण एवं निगरानी
अण्डमान तथा निकोबार प्रदूषण नियंत्रण समिति का मुख्य कार्य जल प्रदूषण (प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं इसके तहत बनाए गए नियमावली, वायु प्रदूषण (प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 एवं इसके तहत बनाए गए नियमावली और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत जारी किए गए विभिन्न विनियम तथा इसके तहत बनाए गए नियमावली, अर्थात् नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन और हैंडलिंग) नियम 2000, जैव चिकित्सा अपशिष्ट (प्रबंधन और हैंडलिंग) नियम, 1998 , प्लास्टिक विनिर्माण और उपयोग नियम, 1999(यथा संशोधित), खतरनाक अपशिष्ट (प्रबंधन और हैंडलिंग) नियम, 2000, बैटरी (प्रबंधन और हैंडलिंग) नियम, 2001 और ध्वनि प्रदूषण (विनियम और नियंत्रण) नियम, 2000 जैसे विभिन्न विनियमों/अधिनियमों/नियमावलियों को प्रवर्तित करके प्रदूषण का नियंत्रण एवं निगरानी करना है।
जलवायु परिवर्तन पर रणनीतिक ज्ञान मिशन
जलवायु परिवर्तन संबंधी राष्ट्रीय कार्य योजना, 2008 अपने आठ मिशनों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से निपटने करने के लिए बहुआयामी एवं एकीकृत ढांचा प्रदान करती है। जलवायु परिवर्तन संबंधी राष्ट्रीय कार्य योजना का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, अनुकूलनीय शमन, ऊर्जा दक्षता तथा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की समझ को बढ़ावा देना है। जलवायु परिवर्तन का प्रभाव इन द्वीपों में कई तरह से प्रकट होगा। अण्डमान तथा निकोबार द्वीपसमूह में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक व्यावहारिक रणनीति विकसित करने में इन द्वीपों की विद्यमान भूभौतिकीय प्रणालियों, प्राकृतिक परिदृश्यों एवं विशेषताओं तथा मानवीय आवश्यकताओं एवं आकांक्षा को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन से संबंधित नीतियों को अपना कर उसे उप-राष्ट्रीय स्तर की कार्य योजना तैयार करना एक महत्वपूर्ण चुनौती है। आबंटित बजट सहित राष्ट्रीय नीति एवं कार्यक्रम ढांचे के साथ ठोस जुड़ाव सहित विशिष्ट स्थानीय स्तर की कार्य योजना विकसित एक चुनौती है। जलवायु परिवर्तन पर राज्य कार्य योजना की परिकल्पना, समन्वयन और क्रियान्वयन के लिए अण्डमान तथा निकोबार प्रशासन का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग नोडल एजेंसी है।